मंगलाचार : नवीन नीर

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नीवन नीर चंडीगढ़ में रहते हैं. कविता लिखते हैं, सुनाते हैं. साहित्यिक आयोजनों की मेजबानी में वर्षों से सक्रिय हैं. कई संकलन प्रकाशित हुए हैं. नवीनतम बोधि प्रकाशन से आया है. आकार में छोटी-छोटी कविताएँ असरदार हैं. आप भी पढिये.  
  




नवीन नीर की कविताएँ                             


फ्लाइंग किस

मेरी एक भी फ्लाइंग किस
न पहुंच सकी
उस तक

उसके इलाके के
टावर नेटवर्क
कितने खराब थे.






डोर क्लोजर

तुम्हारी मौजूदगी अब
मेरे दिल के
दरवाजे पर लगे
डोर क्लोजर की तरह  है

न जिसके
आने का पता चलता है
न जिसके
जाने की आहट होती है.





लत

एक-दूसरे के
अकेलेपन में रहने की
ऐसी लत पड़ी

कि दुनिया के किसी भी कोने में
हम घर न ले सके.






सीलन

मेरी नींद की बालकनी में
उसके गीले सपनों की
सीलन टंगी है

उसके सूरज ने बालकनी की तरफ
पीठ कर रखी है.
     





जेब खर्च

तुम तक पहुंचने में
जब सब कुछ
किराये में खर्च हो गया...

तुमने कुछ कविताएं डाल दी
मेरी जेब में

जेब खर्च के लिए.


     



अनसुनी

वह
मेरी हर बात
इतनी गौर से सुनता है-

कि अनसुनी हो जाती है.

     


दरार

अपने जन्मों के रिश्तों में
आई दरार से
मैं पहली बार

दरार का मतलब समझा.






स्टेशन

जिंदगी की रेलगाड़ी में
सफर करते हुए
हम सब
एक रोज़
एक – दूसरे को बताये बगैर

मौत के स्टेशन पर उतर जाते हैं.


     
______________________

नवीन नीर
2401/24-सी, चण्डीगढ
दिनांकः 05-01-2016                                    
मो0- 098789 20895

4/Post a Comment/Comments

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  1. नवीन की छोटी कविताएँ बहुत सुंदर प्रेम कविताएँ हैं

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  2. छोटी छोटी बातों की हैं बातें बड़ी☺
    स्वागत नवीन जी का।

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14 - 01- 2016 को चर्चा मंच पर <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2016/01/2221.html> चर्चा - 2221 </a> में दिया जाएगा
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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